Sunday, January 21, 2018

सोशल मीडिया पर जनता बता रही है बापू आसारामजी का केस बोगस है

January 21, 2018
दिल्ली, कमला नेहरू मार्केट पुलिस थाने में हिन्दू संत आसाराम बापू के खिलाफ छेड़छाड़ के आरोप के तहत जीरो एफआईआर 19 अगस्त 2013 को मध्यरात्रि 2:45 पर दर्ज होती है, उसके बाद लोकनायक अस्पताल, दिल्ली के डॉ. राजेन्द्र कुमार व डॉ. शैलजा वर्मा द्वारा लड़की की मेडिकल जाँच हुई ।
31 अगस्त 2013 को रात्रि 12 बजे हिन्दू संत आशाराम बापू को इंदौर (मध्यप्रदेश) से गिरफ्तार करके जोधपुर सेंट्रल जेल में न्यायिक हिरासत में रखा गया। जिसे अभी करीब 4 साल 4 महीने हो गए हैं । जोधपुर सेशन कोर्ट में चल रहा उनका केस अंतिम पड़ाव पर है।  इन सवा 4 सालों में उनके खिलाफ अभीतक एक भी पुख्ता सबूत नही मिला है । फिर भी उनको न्यायिक हिरासत में रखा जा रहा है, इसलिए जनता आक्रोश में है और आज सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी आवाज बुलंद करते हुए फिर से बापू आसारामजी के लिए जमानत और रिहाई की मांग कर रही है ।

Public on the social media is telling people the case of Bapu Asaramji is bogas

इनका कहना है कि ये न्याय व्यवस्था का कौन-सा स्वरूप है जो अभिनेता सलमान खान को दोष सिद्ध होने पर भी तुरतं जमानत देता है, पत्रकार तरुण तेजपाल को आरोप सिद्ध होने पर भी छोड़ देता है, अमीर विजय माल्या को 9000 करोड़ लेकर भागने पर भी मजे से घूमने की आजादी देता है । अरबों का घोटाले करने वाले नेताओं को भी जमानत देता  है, पर 81वर्षीय बुजुर्ग हिन्दू संत बापू आशारामजी क्यों जमानत तक नहीं देता जबकि उनकी निर्दोषता के सैकड़ों प्रमाण कानून के सामने हैं और उनके द्वारा हुए समाज उत्थान के कार्यों से भी सरकार अनभिज्ञ नहीं है ।
सुब्रमण्यम स्वामी जी के अनुसार लड़की FIR में जिस समय छेड़छाड़ की घटना का आरोप लगाती है उस समय की कॉल डिटेल के अनुसार लड़की अपने मित्र से लंबी चर्चा पर थी ।
डॉ. शैलजा की मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार लड़की के शरीर पर एक भी खरोंच का निशान नहीं पाया गया ।
और कुछ ऐसे तथ्य सामने आये हैं जो अत्यंत संदेहास्पद हैं ।
-FIR घटना के 5 दिन बाद की गई ।
- FIR करते समय हुई वीडियो रिकॉर्डिंग गायब कर दी गई ।
- FIR और उसकी कार्बन कॉपी में अंतर पाया गया ।
- रजिस्टर के कई पन्ने फाड़ें गए।
- FIR 2 दिन बाद न्यायालय में यानि 21 अगस्त को पेश की गई ।
- अलग-अलग सर्टिफिकेट में लड़की की अलग-अलग डेट ऑफ बर्थ पाई गई ।
आज दिन भर ट्वीटर पर #BogusCaseOnBapuj हैशटैग टॉप ट्रेंड में रहने के साथ-साथ आसारामजी बापू keyword भी टॉप पर ट्रेंड करता रहा ।
जिसमें जनता द्वारा अलग-अलग प्रतिक्रिया देकर बापू आशारामजी के केस को बोगस बताया गया और जमानत की मांग के साथ-साथ उन्हें जल्द रिहा करने की मांग की गई ।
हम अपने पाठकों के समक्ष कुछ नमूने रखते हैं ।
1} जयंत कहते है कि कथित घटना की लड़की के रजिस्ट्रेशन फॉर्म,उसके LIC के कागजातों की तिथि से उसके बालिग होने की पुष्टि होती है,तो कानून ने क्यों Asaram Bapu Ji को जेल भेजा?
#BogusCaseOnBapuji
https://twitter.com/jay_om9/status/955033584099672064
2} नंदकिशोर लिखते है कि सामान्य जनता भी संत Asaram Bapu Ji के पीछे हो रहे षड्यंत्र से वाकिफ है पर सरकार क्यों नही? #BogusCaseOnBapuji
https://twitter.com/Nands90940180/status/955034041501102080
3} संजीत ने लिखा है कि कथित घटना के वक्त लड़की को Sant Asaram Bapu Ji के कमरे में जाते हुए किसी ने देखा ही नहीं इतने बड़े पुख्ता सबूत के बावजूद वे कारावास भेज दिए गए। क्यों?
#BogusCaseOnBapuji https://twitter.com/Micky27S/status/955031609387892736?s=08
4} कृष्णा लिखती हैं कि लड़की की आयु से सम्बंधित जांच में सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का भी उलंघ्नन किया गया,कानूनी देख रेख में, उद्देश्य था Asaram Bapu Ji को फँसा कर जेल भिजवाना।
#BogusCaseOnBapuji https://twitter.com/KriSHnA_1052/status/955032058153390080
5} शंकर ने लिखा है कि MEDIA द्वारा लगातार मिशनरियों से पैसे खाये जा रहे हैं Sant Asaram Bapu Ji की उज्ज्वल छवि खराब करने हेतु।
#BogusCaseOnBapuji https://twitter.com/ShankarJio/status/955031023191912448?s=08
6} अशोकि कह रहे हैं कि वाह ! हमारी PAID MEDIA !!
जो दिखाया उसका केस से कोई लेना-देना नहीं है;
और जो इस बोगस केस का मुख्य तथ्य है, उसे लोगों को बताया नहीं !!
#BogusCaseOnBapuji
https://twitter.com/ashokihariom/status/955029894274072576
7} मोहित ने लिखा है कि छेड़छाड़ के केस में मेडिकल जांच और POCSO केस में उम्र का दाखला महत्वपूर्ण माना जाता हैं जो दोनो भी लड़की के खिलाफ हैं...लड़की के बालिग होने पर केस ही नही बनते! #BogusCaseOnBapuji
https://twitter.com/MehraMohit20/status/955036655580262401?s=09
8} पूनम लिखती हैं कि एक निर्दोष संत को जेल क्यों !!
क्या इसकी जाँच नहीं होनी चाहिए थी -
-> इंवेस्टिगेशन ऑफिसर चंचल मिश्रा द्वारा कॉल कॉल डिटेल्स को मिटाना
-> ASI पुष्पलता द्वारा FIR के पन्नों को फाड़ा जाना;
-> लड़की व संदिग्ध व्यक्ति के बीच एक महीने में 1055 SMS होना
#BogusCaseOnBapuji
https://twitter.com/poonamrajveer/status/955039486324359169?s=08
9} वारिचा कहती हैं कि बाल की खाल निकालने में माहिर हमारी न्यायपालिका को संत श्री Asaram Bapu Ji के बोगस केस में न्याय देने में विलंब क्यों ?
जबकि निर्दोषता के सब सबूत पहले ही कोर्ट में पेश किये जा चुके हैं.. आश्चर्य है !
#BogusCaseOnBapuji
https://twitter.com/Varicha9/status/955036647057313792
10} मिहिर लिख रहे हैं कि अन्य धर्मों के लोग भी आज Sant Asaram Bapu Ji की निर्दोषता जान चुके हैं उनकी BAIL हेतु आवाज उठा रहे है पर सरकार ही गूंगी बहरी है शायद।
#BogusCaseOnBapuji
https://twitter.com/mvjoshi2978/status/955045521814568960?s=08
11} गार्गी ने क्या खूब लिखा है गार्गी लिखती हैं कि कमाल की न्याय व्यवस्था !!
पद्मावत पर फैसला रातो रात
और श्री राम कबसे बैठे तिरपाल में
न्याय के इंतजार में।
और लोग पूछते हैं आसाराम बापू निर्दोष हैं तो जेल में क्यो हैं। अभी तक फैसला क्यो नही आया?
दर्द तो हमारा भी यही है कि अभी तक फैसला क्यों नही आया?
#BogusCaseOnBapuji
https://twitter.com/gargi088/status/954969548448346112
जैसा कि हमने पहले भी बताया है कि बापू आशारामजी को जेल में भारत की कई जानी-मानी हस्तियां मिलकर आई जिनमें मुख्य डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी, सुदर्शन न्यूज़ के सुरेश चव्हाणके, स्वर्गीय श्री अशोक सिंघल, वंजारा जी, साध्वी सरस्वती, महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती, साध्वी देवा ठाकुर आदि रहे ।
गौरतलब है कि जबसे बापू आशारामजी को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है तबसे लेकर आजतक उनको जमानत दिलवाने के लिए अनगिनत धरने व रैलियां निकाली गई, समय-समय पर सोशल मीडिया पर ट्रेंड चले, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के नाम से ज्ञापन भी दिये गये लेकिन अभीतक उनको न्यायालय द्वारा राहत नही मिली ।
जिसके कारण आज फिर जनता में न्यायालय और सरकार के प्रति आक्रोश देखा गया । अब देखना ये है कि लोकतांत्रिक देश में सरकार और न्यायालय तक जनता की आवाज कब पहुँचती है ??

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