Thursday, June 1, 2017

उच्च न्यायालय का ऐतिहासिक फैसला : गाय राष्ट्रीय पशु घोषित हो, हत्या पर दी जाए उम्रकैद

उच्च न्यायालय का ऐतिहासिक फैसला : गाय राष्ट्रीय पशु घोषित हो, हत्या पर दी जाए उम्रकैद

मई 31, 2017

केंद्र सरकार ने देश में गो रक्षा के लिए एक बडा कदम उठाया है। पर्यावरण मंत्रालय ने द प्रीवेंशन ऑफ क्रुएलिटी टु एनिमल्स (रेगुलेशन ऑफ लाइवस्टॉक मार्केट्स) नियम 2017 को सूचित कर दिया है। इस नोटिफिकेशन का उद्देश्य मवेशी बाजार में जानवरों की खरीद-बिक्री को रेगुलेट करने के साथ मवेशियों के विरुध्द क्रूरता रोकना है। इस नोटिफिकेशन के बाद नियमों के अनुसार मवेशी बाजार में खरीदने या बेचने लाने वाले को ये सुनिश्चित करना होगा कि मवेशी को बाजार में कत्ल के मकसद से खरीदने या बेचने के लिए नहीं लाया गया है।
Beef Ban

केंद्र के इस फैसले का केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी विरोध कर रहे हैं ।

#केरल में इस फैसले का विरोध करते हुए युवा कांग्रेस ने सार्वजनिक रूप से एक #बछड़े को काट बीफ फेस्ट मनाया था। इसे लेकर कांग्रेस का काफी विरोध हो रहा है और #कांग्रेस की जड़े खत्म होती दिख रही है ।

इन सब विरोध के बीच केंद्र #सरकार का समर्थन करते हुए राजस्थान हाई कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुना दिया। राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए। कोर्ट ने यह भी सिफारिश की है कि कानूनों में बदलाव करके गोहत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा दी जाए। 

आपको बता दें कि मौलाना भी गाय को पशु घोषित करने के लिए आगे आये हैं एक प्रेस कांफ्रेस में जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष #मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा कि केंद्र सरकार गाय को #राष्ट्रीय पशु घोषित करने का कानून बनाए। हम सभी सरकार के इस फैसले के साथ हैं । मोदी सरकार से #गाय को #राष्ट्रीय पशु घोषित करने की अपील की है ।

गोहत्या पर किसी राज्य में खुली छूट तो कहीं प्रतिबंध

11 राज्यों में गो-हत्या पर प्रतिबंध

11 राज्य ऐसे हैं जहां गाय, बछडा, बैल और सांड की हत्या पर पूरी तरह रोक है। ये रोक जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, #गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ और २ केंद्र शासित राज्यों- देहली, चंडीगढ में लागू है। गो-हत्या कानून के उल्लंघन होने पर इन राज्यों में कड़ी सजा का प्रावधान है।

इन 10 राज्यों में नहीं है कोई #प्रतिबंध

दस राज्यों - केरल, पश्चिम बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम और केंद्र शासित लक्षद्वीप में गो-हत्या पर कोई रोक नहीं है। यहां गाय,बछड़ा, बैल, सांड और #भैंस का मांस खुले बाजार में बिकता और खाया जाता है।

इन राज्यों में है आंशिक प्रतिबंध

गो हत्या पर आंशिक प्रतिबंध वाले आठ राज्यों में बिहार, झारखंड, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, #कर्नाटक, #गोवा और चार केंद्र शासित राज्य दमन और दीव, दादर और नागर हवेली, पांडिचेरी, अंडमान ओर निकोबार द्वीप समूह शामिल हैं। आंशिक प्रतिबंध से आशय है कि गाय और बछड़े की हत्या पर पूरा प्रतिबंध परंतु बैल, #सांड और भैंस को काटने और खाने की अनुमति है।

आपको बता दें कि भले ही आज गौ-हत्या विरोध में केरल, पश्चिम बंगाल आदि राज्य सरकार विरोध कर रही हो लेकिन #स्वर्गीय श्री #राजीव दीक्षित ने सुप्रीम कोर्ट में साबित कर दिया था कि गाय को काटने पर केवल मांस, चमड़ा, हड्डी आदि को बेचने पर 8-10 हजार ही कमा सकते हो लेकिन गाय माता का पालन करने पर करोड़ो कमा सकते हों और जीवन भर सुखी और स्वस्थ्य जीवन जी सकते हो ।
इस तथ्यों को साबित करने पर सुप्रीम कोर्ट ने 26 अक्टूबर 2005 को 66 पन्ने का जजमेंट दिया ।

ऑडर में #सुप्रीम #कोर्ट ने एक #इतिहास बना दिया और कहा कि गाय को काटना संवैधानिक #पाप है धार्मिक #पाप है और सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गौ रक्षा करना,सर्वंधन करना सरकार एवं देश के प्रत्येक नागरिक का #संवैधानिक कर्त्तव्य है ।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारत के सभी राज्यों की सरकार की जिम्मेदारी है कि वो गाय का कत्ल अपने अपने राज्य में बंद कराये और किसी राज्य में गाय का कत्ल होता है तो उस राज्य के #मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है, राज्यपाल की जवाबदारी, चीफ सेकेट्री की जिम्मेदारी है । अगर वो अपना काम पूरा नहीं कर रहे हैं तो ये राज्यों के लिए #संवैधानिक जवाबदारी है और नागरिको के लिए संवैधानिक कर्त्तव्य है ।

गौमाता हमारे लिए कितनी उपयोगी है जानने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें ।



कई नादान नासमझ लोग बोलते हैं कि गाय का मांस खाने से #पौष्टिकता मिलती है उन नासमझ को कौन समझाएं कि मांस से कई गुणा ज्यादा दूध में #पौष्टिकता होती है , गाय के दूध में सुवर्ण क्षार पाये गये है, गाय का दूध पृथ्वी पर का अमृत है ।



गाय आर्थिक रूप से तो समृद्धि देने वाली है ही साथ-साथ में गाय का #दूध, #दही, #छाछ, #मक्खन, #घी, #मूत्र एवं #गोबर मनुष्य के लिए वरदान है इसके उपयोग से मनुष्य स्वस्थ्य और सुखी जीवन जी सकता है ।

अतः गौ माता की रक्षा करना ही मनुष्य के लिए परम उपयोगी है और गौ हत्या करना विनाश का संकेत है।

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